मेरा नाम चिनेशा है, मैं चीन देश से आई हूं। एक संदेशा लाई हूं। बेटीयों को जो मारोगे, तो बहू कहां से लाओगे? फोन तो मंगवाते हो, बहू भी क्या चीन से मंगवाओगे?
वृद्धाआश्रम में माँ बाप को देखकर सब लोग बेटो को ही कोसते है , लेकिन दुनिया वाले ये कैसे भूल जाते हैं की वहा भेजने मे किसी की बेटी का ही अहम रोल होता है..! वरना लोग अपने माँ बाप को शादी के पहले ही वृद्धाश्रम क्यों नही भेजते। संस्कार बेटियों को भी दें ताकि कोई बेटों को ना कोसे। कड़वा है पर सत्य है....